कभी वक़्त मिले तो हमारी राहों से

Law life aur multigyan
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Poetry 



कभी वक़्त मिले तो हमारी राहों से गुज़रना तुम  

रहते हैं किन हालातों में एक बार ज़रा ग़ौर करना तुम 

तुम्हें होगा नहीं फर्क कोई 

तुम्हारे तो कई चाहनें वालें हैं 

पर वो बस एक हम हीं हैं, जो तुझसे सच्ची चाहत रखनें वालें हैं 

 कभी होगा ये एहसास तुम्हें भी 

शायद तब तुम चाहोगे हमें भी 

हर वक़्त तेरे ख़याल में, हम खोयें रहते हैं तेरे प्यार में 

कभी मिले मौका अगय तुम्हें, हमारे खयालों में खोना तुम 

बिन महबूब के ज़िन्दगी होती है क्या, उस पल ज़रा ग़ौर करना तुम 





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