दिल के सारे जज़्बात

Law life aur multigyan
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Poetry 


दिल के सारे जज़्बात उसके सामनें रख डाले 

पर दिखयी उसनें भी बेरहमी बड़ी 

मेरे ख़्वाब सारे कुचल डाले 

हौसला है उसके पास बड़ी बेरहमी का 

मेरी मुहब्बत में है सिलसिला उसकी बेदर्दी का 

उसे अब हमारी परछाई भी भाती नहीं 

पर हमारी ज़िन्दगी उससे दूर होकर ज़िन्दगी रह पाती नहीं 

हमनें छोड़ दिया जहां ये सारा उसके ख़ातिर 

पर वो पार ना कर सका अपनी बनाई दहलीज़ को 

वो सुनाता रहा अपनें किस्से हज़ारों 

पर सुन ना पाया मेरे दिल की तकलीफ़ को 

जो वक्त गुजारा उसके साथ में

वो हमारी बेहतरीन यादें बन कर दिल में आकर बस गयी 

पर उसे लगता है हमारे लिए उसकी ज़िन्दगी जाया हो गयी 

ना करेगी क़िस्मत वो सितम जो उसने कर डालें 

जो जागे थें अरमान दिल में उसने सारे कुचल डालें 




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