खो गयें जिसके निशान बरसों पहले

Law life aur multigyan
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Poetry 



खो गयें जिसके निशान बरसों पहले

चलो आज जी लेतें हैं फिर उस पल को 

सुना है किस्मत ज़िन्दगी में बड़े किस्से बनाती है 

बेमकसद क़िस्मत किसी को ऐसे कहाँ मिलाती है

ना जानते हैं हम ना जानते हो तुम आने वाले पल को 

चलो आज जी लेतें हैं फिर उस पल को 

शायद कल फिर से राहें बंट जायेगीं

बस यादें ही साथ में रह जायेगीं 

चलो ना दिल में समेट लेतें हैं इस पल को 

ना पता राहें हमारी कौन सी होंगी कल को 

हो वक़्त से बेख़बर, होकर अंजान खुद से

चलो ना जी लेतें हैं फिर उस पल को 



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